आशीष
प्रत्येक छात्र के मस्तिष्क में यह बात ठीक प्रकार से बैठा देनी होगी कि मैं अपने राष्ट्र की सेवा करूँगा। राष्ट्र में ज्ञान-विज्ञान की विविध धाराओं को पुष्ट करूँगा। आधुनिक जगत में प्रगति के जो भी मार्ग दिखाई दे रहे हैं, उन सबका गहरा अध्ययन कर आगे बढूँगा। अपने स्वार्थ का लेशमात्र विचार नहीं करूँगा। प्रत्येक छात्र में ऐसी निश्चयात्मक बुद्धिनिर्माण करने के लिये ही इस विद्यालय की आवश्यकता है। समाज रूपी भगवान से मैं यही कामना करती हूँ कि राष्ट्र, धर्म, संस्कृति आदि के श्रेष्ठ संस्कार सम्पूर्ण समाज में जागृत करने के लिये विद्यालय सब प्रकार से उत्कर्षशील हो।
पूजनीया माँ ज्वाला देवी
(परमपूज्य रज्जू भैय्या की माता जी)